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गुरुवार, 27 मार्च 2014

! कौशल !: रविशंकर प्रसाद मात्र बोलने के लिए क्यूँ बोलें

! कौशल !: रविशंकर प्रसाद मात्र बोलने के लिए क्यूँ बोलें

आज की राजनीति पर अब और अधिक विशवास नहीं किया जा सकता है !युग-परिवर्तन के लिये  अब प्रयास करना पडेगा !

3 टिप्‍पणियां:

  1. 1.5 अरब बेवकूफ फिर चुनेंगे बेवकूफों को अपने लिये :)

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  2. कुछ नहीं बदलाव होने वाला केवल सरकार में किसी नई पार्टी के आने से...कब जनता मुक्त होगी इन नेताओं के भ्रम जाल से?

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About This Blog

साहित्य समाज का दर्पण है |ईमानदारी से देखें तो पता चलेगा कि, सब कुछ मीठा ही तो नहीं , कडवी झाडियाँ उगती चली जा रही हैं,वह भी नीम सी लाभकारी नहीं , अपितु जहरीली | कुछ मीठे स्वाद की विषैली ओषधियाँ भी उग चली हैं | इन पर ईमानदारी से दृष्टि-पात करें |तुष्टीकरण के फेर में आलोचना को कहीं हम दफ़न तो नहीं कर दे रहे हैं !!

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